শ্যামল মণ্ডলের কবিতা পড়ুন

Poem : Safety

हामलोग स्वस्त है
काम मे मस्त है
हामारा घर से
निकले जब से
तब से काम पे
लग गया दम से
हाम सब मिलके
सेफटि को मानके
जो काम जिसे हक
शुभह से साम तक
जानकारि जिनको
वो काम उनही को
सेफ्टी कि पाँच चिज
कभी ना करे मिस
हेलमेट माथे होगी
सर को बाचायेगी
पाओ मे जुता है
तभी पाओ सही है
आँखो मे चशमा तो
बाचायेगी आँखो को
हाथो मे हो दस्तना
तब होगी मस्ताना
साथे रहे ए्प्रन
होगी दुर दरशन
उँचाइपे काम हो तो
सेफ्टि बेल्ट साथ लो
सिडि भाडा ठिक रहे
देख लेना पहले
जानकारि अर चाहे
सेफ्टि साहब है
एकबात सोच लो
पहले जान लो
हामलोग आपना
सेफ्टि को मानना
देमाग मे राख'के
रोज चलो काम पे
©श्यामल मन्डल

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